tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post9167304379507059261..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : स्त्री -चेतना : (२) : शिवरानी देवी : प्रेमचंद का विलोम : रोहिणी अग्रवालarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-42917147517304204832021-08-10T18:24:14.118+05:302021-08-10T18:24:14.118+05:30जिस ज़ुल्म के खिलाफ उन्होंने आवाज़ उठायी , कहीं न कह...जिस ज़ुल्म के खिलाफ उन्होंने आवाज़ उठायी , कहीं न कहीं वे भी इस ज़ुल्म का शिकार हुईं। इतनी सशक्त लेखनी होने के बावजूद, उनकी कृतियों के विषय में बहुत कम लोग जानते हैं। आपके आलेख ने उनसे परिचय कराया। इतने वर्षों पहले ऐसा दबंग व्यक्त्तिव, वास्तव में अचंभित करता है और आज की स्त्री के लिये एक 'beacon' सा राह रौशन करता है।<br />बहुत ही समृद्ध करता आलेख..! Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-18630212202803573222018-05-15T09:51:48.122+05:302018-05-15T09:51:48.122+05:30इतने प्रखर लव्यक्तित्व की लेखिका को सामने लाने के ...इतने प्रखर लव्यक्तित्व की लेखिका को सामने लाने के लिये धन्यवाद.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-57177383099658141022018-05-15T07:46:03.874+05:302018-05-15T07:46:03.874+05:30इस लेख को हमरे संज्ञान में लाने के लिये आपका साधुव... इस लेख को हमरे संज्ञान में लाने के लिये आपका साधुवाद प्रतिभा जी ! नवीन जानकारी है मेरे लिये। भविष्य में पढ़ने के लिये पोस्ट को 'सेव'भी कर रहा हूँ।Sudhir Joshinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-68240355304455895002018-05-15T07:44:43.681+05:302018-05-15T07:44:43.681+05:30 वाह! इस बेहद गम्भीर और तथ्यपरक आलेख के लिए आपको ब... वाह! इस बेहद गम्भीर और तथ्यपरक आलेख के लिए आपको बहुत धन्यवाद अरुण जी। रोहिणी जी को हार्दिक बधाई।<br />डॉ. सुमीताnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-89992632827686086002018-05-14T19:57:14.732+05:302018-05-14T19:57:14.732+05:30विलोम नही पूरक
रोहिणी जी ने सुंदर लिखा ।शिवरानी...विलोम नही पूरक<br /> <br /> रोहिणी जी ने सुंदर लिखा ।शिवरानी देवी की जयंती पर स्त्री लेखन की चर्चा हर साल हो यह बीस साल से कह रहा हूँ।Vimal Kumarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-34781786491645390412018-05-14T17:45:01.717+05:302018-05-14T17:45:01.717+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15-05-2017) को <a rel="nofollow"> "रखना सम अनुपात" (चर्चा अंक-2971) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-13297118354914085512018-05-14T16:43:34.174+05:302018-05-14T16:43:34.174+05:30इस सन्दर्भ में ध्यातव्य है कि 'नारी-ह्रदय'...इस सन्दर्भ में ध्यातव्य है कि 'नारी-ह्रदय' की भूमिका लिखने वाले शिवपूजन सहाय का नारी-विमर्श के प्रसंग में अपना दृष्टिकोण क्या था जिसकी चर्चा इस महत्त्वपूर्ण लेख में होनी चाहिए थी |शिवपूजन सहाय की उन्हीं दिनों लिखी 'कहानी कास प्लाट' में इस नारी-विमर्श की सबसे तल्ख़ टिप्पणी देखी जा सकती है, इस पर ध्यान जाना चाहिए था| इस सन्दर्भ में देखें 'शिवपूजन सहाय साहित्य समग्र' खंड २, पे.१४४ BSM Murtyhttps://www.blogger.com/profile/17591886224159585711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-7407994352079603492018-05-14T16:16:31.632+05:302018-05-14T16:16:31.632+05:30बहुत सुंदर आलेख आपको और रोहिणी अग्रवाल जी को बधाई।...बहुत सुंदर आलेख आपको और रोहिणी अग्रवाल जी को बधाई।Lakshmi Sharmanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-68394207407616852392018-05-14T15:36:58.499+05:302018-05-14T15:36:58.499+05:30उपयोगी आलेख। उपलब्ध कराने के लिए आभार..उपयोगी आलेख। उपलब्ध कराने के लिए आभार..Shyam Bihari Shyamalhttps://www.blogger.com/profile/02856728907082939600noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-15023932250628576612018-05-14T13:32:36.095+05:302018-05-14T13:32:36.095+05:30शिवरानी देवी की 'प्रेमचंद:घर में'से ज्यादा...शिवरानी देवी की 'प्रेमचंद:घर में'से ज्यादातर पाठक परिचित हैं.हिन्दी के पाठकों को उनके 'नारी ह्रदय' कहानी संग्रह से सविस्तार परिचित कराने के लिए रोहिणी जी को साधुवाद.प्रो.रवि रंजनhttps://www.blogger.com/profile/05759095381764437121noreply@blogger.com