tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post8605587309346596735..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : लवली गोस्वामी की कविता : आलापarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-75294875714691869042018-04-05T20:29:44.043+05:302018-04-05T20:29:44.043+05:30रागों की नही विरागो की कविताएँ हैं ये। विराग जो जी...रागों की नही विरागो की कविताएँ हैं ये। विराग जो जीवन की ध्वन्यात्मक अभिव्यक्ति है यही इस कविता को यथार्थ के धरातल पर ले ले जाती है जिससे पाठक स्वयं को जुड़ा हुआ महसूस करता है। और किसी भी कविता की सार्थकता यही है जो जितना भी इसमे गोता लगाए उतना ही पाये। निराशा किसी के हाथ नही लगती। बढ़िया कविताएँ मैंमShiv prakashhttps://www.blogger.com/profile/06347521244996655239noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-88227751422101199862017-07-23T16:21:20.117+05:302017-07-23T16:21:20.117+05:30बेमिसाल कवितायेंबेमिसाल कवितायेंसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-31492209356745054162017-05-25T19:02:05.393+05:302017-05-25T19:02:05.393+05:30अति सूंदर,बेमिसाल कवितायें अति सूंदर,बेमिसाल कवितायें neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-27831116570198870792017-04-09T09:17:51.369+05:302017-04-09T09:17:51.369+05:30उपजाऊ होते है दुःख । और सुख अधिकतर बाँझ , कहनेवाली...उपजाऊ होते है दुःख । और सुख अधिकतर बाँझ , कहनेवाली लबली की आयाम कविता में जिंदगी के कई रंग है । उम्मीद है आनेवाले दिनों में ये रंग और चटख होंगे । शुभकामनाएं Swapnil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10836943729725245252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-44496424733638243802017-04-08T11:27:01.633+05:302017-04-08T11:27:01.633+05:30कमाल की कविताएँ कमाल की कविताएँ Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-15962493338010294152017-04-08T10:22:13.764+05:302017-04-08T10:22:13.764+05:30बेहद सुंदर कवितायेँ।अन्तरतम रूप से ध्वनित होती हु...बेहद सुंदर कवितायेँ।अन्तरतम रूप से ध्वनित होती हुईSaloni sharmahttps://www.blogger.com/profile/01298425880007698617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-75613851277409063162017-04-08T08:19:51.038+05:302017-04-08T08:19:51.038+05:30तुमसे मेरी नींदों के रिश्ते की कोई न पूछे
तुमने उन...तुमसे मेरी नींदों के रिश्ते की कोई न पूछे<br />तुमने उनकी इतनी फ़िक्र की<br />कि मेरी नींदों की शक्ल तुम-सी हो गई<br />जो रातें मैंने जागकर बितायी उनमें<br />मैं तुम्हारा न होना जीती रही<br /> वाह शानदार अछूता बिम्बकौशल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/11824422399960055778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-61671418832306197972017-04-07T19:06:01.187+05:302017-04-07T19:06:01.187+05:30बहुत सुन्दर कविता। सचमुच किसी आलाप की तरह मन के भी...बहुत सुन्दर कविता। सचमुच किसी आलाप की तरह मन के भीतर उतर कर लंबे समय तक अपनी धीर गूँज से आत्मा को अनुप्राणित करती है।sulabhhttps://www.blogger.com/profile/00621309580425220016noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-33938683466222865172017-04-07T16:16:45.381+05:302017-04-07T16:16:45.381+05:30बहुत अच्छी कविताएँ बहुत अच्छी कविताएँ शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-15340131149496614282017-04-07T11:55:19.805+05:302017-04-07T11:55:19.805+05:30स्वभावतः सुंदर, बेमिसालस्वभावतः सुंदर, बेमिसालअपर्णा मनोजhttps://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-38792380702512883202017-04-07T11:51:44.027+05:302017-04-07T11:51:44.027+05:30उदासी मेरी मातृभाषा है
हँसी की भाषा मैंने तमाम विद...उदासी मेरी मातृभाषा है<br />हँसी की भाषा मैंने तमाम विदेशी भाषाओं की तरह<br />ज़िन्दगी चलाने के लिए सीखी है<br />समूची कविता में सार-पंक्ति की तरह ये पंक्तियां हिंदी कविता में नयी बात है। याद नहीं आता कि इसे किसी तरह किसी ने भी कहा हो।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02137047183727528124noreply@blogger.com