tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post8103207806416179536..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : सबद भेद : फैज़ अहमद फैज़ : शब और सहर का शायरarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-19782259062680573622011-02-04T09:34:41.086+05:302011-02-04T09:34:41.086+05:30आपके इस सुन्दर ब्लॉग की दो पोस्ट आज चर्चामंच में ल...आपके इस सुन्दर ब्लॉग की दो पोस्ट आज चर्चामंच में ली गयी हैं .. आप चर्चामंच में आ कर अनुग्रहित करेंगे ..आपका आभार <br />http://charchamanch.uchcharan.com/2011/02/blog-post.htmlडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-46750429168027413152011-01-21T15:44:00.565+05:302011-01-21T15:44:00.565+05:30" ...जो कविता महबूब के पेंचो ख़म में गुम थीं ..." ...जो कविता महबूब के पेंचो ख़म में गुम थीं उसमें इन्कलाब के शोले भर गए. फैज़ ने इन्कलाब का मानवीकरण कर दिया. वह महबूब की ही तरह दिलकश है...." क्या खूब कहा आपने !Sunil Kumar Singhhttps://www.blogger.com/profile/12990033888366142394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-24236802830591053632011-01-11T21:39:53.210+05:302011-01-11T21:39:53.210+05:30Deepak Nenwan:::i फैज़ उनको है तकाज़ा-ए-वफा हमसे ज...Deepak Nenwan:::i फैज़ उनको है तकाज़ा-ए-वफा हमसे जिन्हें<br />आशना के नाम से प्यारा है बेगाने का नाम.......!!! faiz ki baat karke aap dil ki dukhti rag par hath rakh dete haini ... !! pahle faiz ka shauq thaa.. aap ke sath kahin unki aadat naa ho jaaye..!!aap se thoda bach kar rehna hoga lagta hai:)))Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04711674975542131808noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-74857618214490911382011-01-11T21:22:49.259+05:302011-01-11T21:22:49.259+05:30फैज़ पर ये आलेख न केवल रोचक है , वरन उनकी गरिमामयी ...फैज़ पर ये आलेख न केवल रोचक है , वरन उनकी गरिमामयी शख्सियत से रूबरू कराता है ...अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-40275994116922696612011-01-11T21:14:42.600+05:302011-01-11T21:14:42.600+05:30धन्यवाद अरुण जी काफी जानकारी मिली पड़कर ...रोमांच...धन्यवाद अरुण जी काफी जानकारी मिली पड़कर ...रोमांचकारी और अद्भुद शक्सियतमय जीवन !!!!!!!!!!!!!!!Travel Trade Servicehttps://www.blogger.com/profile/11770735608575168790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-12346813780755900442011-01-11T19:35:30.057+05:302011-01-11T19:35:30.057+05:30शानदार आलेख..फ़ैज़ पर जितना भी पढों प्यास और बढती ...शानदार आलेख..फ़ैज़ पर जितना भी पढों प्यास और बढती जाती है..फ़ैज़ आज भी शोषितों की आह है और हुंकार भी..उनके अकीदे के लोग आज भी कुरबानी दे रहे है..धर्मिक क्षुद्र्ता, संकीर्णता और कुहासे की अंधेरी गुफ़ा के उस और अगर कभी कोई रोशनी आयी तो उसमे फ़ैज़ अगली पांत में मिलेंगे. हाल ही में हुयी सलमान तासीर (फ़ैज़ उनके खालू थे) की शहादत और तासीर के लबों पर फ़ैज़ का कलाम क्या इस बात की वज़ाहत नहीं करता...?? शुक्रिया अरुण जी..आपसे इसी स्तर की अपेक्षा थी..आदाबShamshad Elahee "Shams"https://www.blogger.com/profile/14542269543461516533noreply@blogger.com