tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post8056859437841192978..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : मेघ- दूत : मारियो वर्गास लोसा (नोबल - सम्बोधन)arun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-77093434577181696642014-08-17T09:52:37.025+05:302014-08-17T09:52:37.025+05:30सरिता जी के अनुवाद का मैं मुरीद हूँ. सबसे पहले तो ...सरिता जी के अनुवाद का मैं मुरीद हूँ. सबसे पहले तो बधाई सरिता जी के लिए, जिन्होंने हमें अपने प्रिय रचनाकार के नोबेल संबोधन से परिचित कराया. लोसा की आपबीती बिलकुल अपने जैसे लगती है. रचना हमें आपस में कितना जोडती है, यह उदगार पढ़ कर मालूम हुआ. अरुण भाई का आभार यह बेहतरीन नोबेल उदगार पढवाने के लिए. santosh chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/05850303341274524229noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-89919463457209008762014-08-16T21:32:31.158+05:302014-08-16T21:32:31.158+05:30बहुत अच्छा अनुवाद ..सरिता को बधाई और शुभकामनाएं .....बहुत अच्छा अनुवाद ..सरिता को बधाई और शुभकामनाएं ..धन्यवाद अरुण जी पढवाने के लिएVandana Shuklanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-76884694146037839132014-08-16T21:32:07.383+05:302014-08-16T21:32:07.383+05:30अनुवाद इतना अच्छा है कि आप पढ़ते जाते है.अनुवाद इतना अच्छा है कि आप पढ़ते जाते है.Kailash Wankhedenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-53593025522662631032014-08-15T10:15:39.918+05:302014-08-15T10:15:39.918+05:30अरुण देव जी मारियो वर्गास लोसा के नोबल - सम्बोधन क...अरुण देव जी मारियो वर्गास लोसा के नोबल - सम्बोधन के अनुवाद को समालोचन में शामिल करने के लिए शुक्रिया. स्वतंत्रता दिवस पर यह और भी सार्थक है क्योंकि असली आज़ादी सोच का विस्तार करना है. प्रभात रंजन की पोस्ट से इस लेखक के बारे में ज्यादा जानने की उत्सुकता हुई और इस नोबल संबोधन पर नजर पड़ी. हर लेखक को इसे यह जानने के लिए जरूर पढना चाहिए कि कोई बड़ा पुरस्कार मिले तो कितनी सहजता और विनम्रता से बोलना है. मारियो वर्गास लोसा ने अपने बचपन, घर परिवार , समकालीन लेखकों और देश के हालात पर बहुत आत्मीयता से प्रकाश डाला है. <br />sarita sharmahttps://www.blogger.com/profile/03668592277450161035noreply@blogger.com