tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post8004998498214886586..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : सबद भेद : उदय प्रकाश का कवि : अल्पना सिंहarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-42161583209247099782017-06-01T07:15:47.223+05:302017-06-01T07:15:47.223+05:30 उदय जी, जितने बड़े कथाकार हैं, उतने ही महत्वपूर्ण ... उदय जी, जितने बड़े कथाकार हैं, उतने ही महत्वपूर्ण कवि। हमारी पीढ़ी के लिए तो जैसे वे स्टार ही हैं।Hari Mridulnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-35884385680780378802017-06-01T05:52:41.709+05:302017-06-01T05:52:41.709+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरूवार (01...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरूवार (01-06-2017) को <a rel="nofollow"> <br />"देखो मेरा पागलपन" (चर्चा अंक-2637)<br /> </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /> <br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-76857085199493140552017-05-31T11:12:47.430+05:302017-05-31T11:12:47.430+05:30उदय कहानीकार बड़े हैं कवि उतने बड़े नहीं ।मैं 80 स...उदय कहानीकार बड़े हैं कवि उतने बड़े नहीं ।मैं 80 से धरातल में छपी उनकी कविताओं को पढता रहा हूँ फिर सर्वेश्वर जी ने दिनमान में जो लिखा उसे भी ।Vimal Kumarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-39523968223564647462017-05-31T10:58:05.831+05:302017-05-31T10:58:05.831+05:30उदय प्रकाश जितने बड़े कथाकार हैं उतने ही उम्दा कवि ...उदय प्रकाश जितने बड़े कथाकार हैं उतने ही उम्दा कवि भी।<br />आपने वो बात कही जिसे कहने से कई लोग जानबूझकर कतराते हैं।Pradeep Saininoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-41400792830687568572017-05-31T10:44:16.634+05:302017-05-31T10:44:16.634+05:30http://sarokarnama.blogspot.in/2015/05/blog-post_3...http://sarokarnama.blogspot.in/2015/05/blog-post_30.html?m=1Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-91738689535210699292017-05-31T10:43:17.703+05:302017-05-31T10:43:17.703+05:30लखनऊ से अनिल यादव ने जब एक ब्लॉग पर इस बात का खुला...लखनऊ से अनिल यादव ने जब एक ब्लॉग पर इस बात का खुलासा करते हुए, उदय प्रकाश को नंगा करते हुए जब जुतियाया तो उदय प्रकाश हत्थे से उखड़ गए । सर्वदा की तरह बौखला गए । चिग्घाड़ने लगे कि यह अनिल यादव कौन है ? अनिल ने फौरन जवाब दिया कि आप मेरे काम के प्रशंसक रहे हैं , मेरे घर भी आए हैं , आदि-आदि । तब उदय प्रकाश कहने लगे अच्छा वह चंदन मित्रा का नौकर ? मेरे मित्र चंदन मित्रा का नौकर ? अनिल यादव उन दिनों पायनियर अखबार में नौकरी कर रहे थे और चंदन मित्रा पायनियर अखबार के मालिक और संपादक हैं । बताइए भला बातचीत की, असहमति की ही सही यह भाषा होती है भला ? अनिल यादव क्या आप के आसामी हैं ? आप होंगे अपने गांव में ज़मीदार । चलाइए वहीं अपनी यह सामंती भाषा और अभद्रता । पर हिंदी जगत में यह छुद्रता नहीं चलने वाली , नहीं चलती । असहमति की भी एक शिष्टता होती है । लेकिन यह बात उदय प्रकाश नहीं जानते । इसी तरह हर किसी को अपनी सामंती भाषा के लिबास में लपेट लेने की उन्हें असाध्य बीमारी हो गई है । उन की अभद्रता का एक और नमूना देखिए जो अभी बीते महीने , फेसबुक की अपनी टाईमलाईन पर उन्हों ने परोसी है :<br />Anonymousnoreply@blogger.com