tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post7481086809233082513..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : कथा - गाथा : जयश्री रॉय (दौड़)arun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-26750735278390365252015-07-06T00:53:10.031+05:302015-07-06T00:53:10.031+05:30जयश्री जी
"दौड़" के लिए आत्मीय बधाई ।
ज्ञ...जयश्री जी<br />"दौड़" के लिए आत्मीय बधाई ।<br />ज्ञानरंजन जी ने बेशक "पहल" को बहुत ऊंचाई तक पहुंचाया है । उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें सेल्यूट करता हूँ । पर आपकी कहानी के साथ दी गई संपादकीय टिप्पणी से मैं भी घोर असहमति व्यक्त करता हूँ । और इस झूठ को भी खारिज करता हूँ जिससे यह ज़ाहिर करने की कोशिश है कि आपको अनेक बार खारिज करने के बाद अब आपकी कहानी छाप रहे हैं ।यह संपादकीय अहम निंदनीय है ।<br />मैंने आपकी केवल 15-16 कहानियाँ ही पढ़ी हैं । मैं क्षमा चाहते हुए कहना चाहता हूँ कि इस कहानी को श्रेष्ठ मानते हुए "पहल" ने इसे छाप कर भले ही अहसान किया हो । पर मेरी नज़र में आपकी पढ़ी सभी अन्य कहानियाँ इससे श्रेष्ठ थीं । बेशक मैं इसे कमजोर कहानी नहीं कह रहा हूँ । यह फिर भी अन्य लेखकों की तमाम नारावादी कहानियों से बेशक बेहतर है । पर यह लेखन आपके लेखन का प्रतिनिधित्व कतई नहीं ।<br />आलोचना को सहजता से लेने की आपकी काबलियत के कारण यह मन की बात कही है ।<br />दिल से आपके पूर्ण स्वस्थ होने की आत्मीय शुभ कामनाओं सहित -<br />हरीदास व्यास Hari Vyadhttps://www.blogger.com/profile/00255181988530863597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-27991987052016785832015-07-05T09:56:14.581+05:302015-07-05T09:56:14.581+05:30हवलदार की नियुक्ति के लिए होनेवाली दौड़ के बहाने लि...हवलदार की नियुक्ति के लिए होनेवाली दौड़ के बहाने लिखी गई यह कहानी एक आम आदमी के सपनों के टूट कर बिखर जाने की त्रासदी का मुकम्मल बयान है। पाँच किलोमीटर की दौड़ में सबसे आगे होने का रघु का सपना सिर्फ एक अदद नौकरी पा लेने का सपना नहीं है, बल्कि इस एक छोटी-सी नौकरी के पीछे परिवार के एक-एक सदस्य के जीवित रहने की शर्तें सांस ले रही हैं। अपनी खोई हुई जमीन को वापस लाने का सपना देखती रघु की आँखों में आत्महत्या कर चुके पिता के दुख की लकीर और वैधव्य के दुखों के साथ भविष्य की चिंता सँजोये आई की वो हसरतें भी शामिल हैं जो कभी पूरी नहीं हुई। समकालीन कहानी के सरोकारविहीन होने की बात करने वालों को यह कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। विश्वसनीय प्रामाणिकता और संवेदनशील भाषा-बोध के साथ मौजूद कहानियों का विषय वैविध्य जयश्री को अपने समकालीन कथाकारों से अलग करता है। <br />जयश्री! मुझे आपकी अगली कहानी का इंतज़ार है।<br /> राकेश बिहारीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-16951341310069692202015-07-04T16:39:33.232+05:302015-07-04T16:39:33.232+05:30जानदार कहानी। विदर्भ में किसानों की आत्महत्या जैसे...जानदार कहानी। विदर्भ में किसानों की आत्महत्या जैसे ज्वलंत मुद्दे की पृष्ठभूमि में ज़िन्दगियों की त्रासद क्लाइमेक्स पर आते-आते अवसन्न कर डालती है। मराठा ग्रामीण जीवन की बारीकियां भी कहानी में देखने और महसूसने लायक हैं। जयश्री जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की अनंत मंगलकामनाएं भी।मसौरभ शेखर https://www.blogger.com/profile/16049590418709278760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-2799879882824540422015-07-04T12:29:51.865+05:302015-07-04T12:29:51.865+05:30विलोम पढ़ेंविलोम पढ़ेंअपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-80687923718024453052015-07-04T10:03:30.747+05:302015-07-04T10:03:30.747+05:30He is dead..How much land does a man need..टॉल्सटॉ...He is dead..How much land does a man need..टॉल्सटॉय की कहानी याद आई, किंतु दोनों दौड़ों में कितना अंतर है! कहानी में मृत्यु की ध्वनि रघु से होते हुए पहोम तक ले जाती है. मैं दो प्रतिलोमों के बीच कहानी को घटते देख रही हूं. एक साथ दो कथानकों के बीच मेरा पाठक खड़ा है..जीवन की विसंगतियों को देखते हुए.<br />जॉयश्री जी को ढेरों शुभकामनाएं. अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-87407695931283737762015-07-03T21:48:35.552+05:302015-07-03T21:48:35.552+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, नौशेरा का शेर और ...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2015/07/blog-post_3.html" rel="nofollow"> नौशेरा का शेर और खालूबार का परमवीर - ब्लॉग बुलेटिन </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.com