tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post5690057011533164037..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : समकालीन हिंदी कहानी में मानवीय संसक्ति : रवि रंजन arun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-36953938783584817662020-01-23T06:29:39.968+05:302020-01-23T06:29:39.968+05:30समकालीन कहानी और उसकी कथावस्तु में हो रहे परिवर्तन...समकालीन कहानी और उसकी कथावस्तु में हो रहे परिवर्तन को इस लेख से बखूबी समझा जा सकता है | समकालीन कहानी की सबसे बड़ी विशेषता उसकी कथावस्तु का यथार्थ उद्घाटन है, जो व्यैक्तिक संघर्ष और सामाजिक संघर्ष को बयाँ करने में सक्षम है | आलोचक ने यथार्थ और उसके सामाजिक संघर्ष को और स्पष्ट करने के लिए इब्राहिम शरीफ की कहानी 'जमीन का आखिरी टुकड़ा', मधुकर सिंह की कहानी 'दुश्मन' और काशीनाथ सिंह की कहानी 'सदी का सबसे बड़ा आदमी' और मनोज रूपड़ा की 'प्यास' जैसी प्रसिद्ध अन्य कहानियों पर गंभीर विचार किया है | इन कहानियों की कथावस्तु और उसकी समस्या पर हुई बात चीत ने लेख को रुचिकर बनाने और उसके मंतव्य तक पहुँचाने में सफल है | लेखक और प्रकाशक को साधुवाद ||<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04152234763647998863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-84524774572961891872020-01-19T12:50:50.985+05:302020-01-19T12:50:50.985+05:30हिंदी कहानी की अंतर्वस्तु और उसके समकालीन पेंच को ...हिंदी कहानी की अंतर्वस्तु और उसके समकालीन पेंच को व्याख्यायित करने वाला महहत्वपूर्ण लेख । समालोचन और रविरंजन सर , दोनों का आभार , यह लेख प्रस्तुत करने के लिए ।अमरेंद्र कुमार शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-76173522641012469542020-01-18T23:18:04.879+05:302020-01-18T23:18:04.879+05:30उत्कृष्ट आलेख ।समकालीन कहानी पर ऐसे विश्लेषणात्मक ...उत्कृष्ट आलेख ।समकालीन कहानी पर ऐसे विश्लेषणात्मक लेखों की ज़रूरत आज ज़्यादा है।जहां समकालीन कथालोचन के नाम पर पुस्तक -समीक्षा ही परोसी जा रही हो ऐसे में ठहर कर लिखा गया यह लेख निश्चय ही स्वागतयोग्य है ।dr garima srivastavahttps://www.blogger.com/profile/04939536915367087843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-66905360008794199282020-01-18T11:07:38.712+05:302020-01-18T11:07:38.712+05:30बेहतरीन और गंभीर सामयिक लेख।
समकालीन कथा साहित्य ...बेहतरीन और गंभीर सामयिक लेख।<br />समकालीन कथा साहित्य में कहानी के जरूरी प्रस्थानों पर केंद्रित और उनमे गहन मानवीय संवेदनाओं की खोज करता।<br />बधाई सर<br />आभार समालोचनमीना बुद्धिराजाnoreply@blogger.com