tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post5506407450785055666..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : कैसे भूल जाऊं मैं महादेवी वर्मा सृजन पीठ को ? : बटरोहीarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-58700843810714783092015-10-09T05:53:46.789+05:302015-10-09T05:53:46.789+05:30करीब 2 साल पहले सृजनपीठ गई थी। व्यवस्थित पुस्तकालय...करीब 2 साल पहले सृजनपीठ गई थी। व्यवस्थित पुस्तकालय । साफ़ सुथरा परिसर। बटरोही जी का योगदान प्रेरित करता है। रवीन्द्र नाथ टैगोर ने रामगढ़ में ही गीतांजली लिखी थी। अब सिर्फ यह साहित्य के इतिहास में मात्र दर्ज़ है। धरोहर की संभाल नहीं है इस देश में। अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-5667151230238925182015-10-08T12:23:30.897+05:302015-10-08T12:23:30.897+05:30अपनी विरासत को पहचानने, उसे अगली पीढ़ियों के लिए ज...अपनी विरासत को पहचानने, उसे अगली पीढ़ियों के लिए जीवंत और उपयोगी बनाए रखने के लिए कुछ ठोस करना ही होगा। यूं तो यह समाज का काम है। लेकिन समाज की करतूत दिख ही रही है इसलिए लेखकों को ही आगे आना होगा। लेखक संघों की भी यहां महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंदी समाज में ज्यादा काम करने की जरूरत है।<br /><br />मराठी के एक प्रसिद्ध संगीतशास्त्री अशोक रानडे का तीन साल पहले देहांत हो गया था। उनकी पत्नी कथाकार हेमांगिनी रानडे और मैं आकाशवाणी में साथ साथ काम करते थे। कुछ दिन पहले उनसे मुलाकात हुई तो बता रही थी, रानडे साहब के एक शिष्य चैतन्य ने पूना में रानडे के नाम पर एक आर्काइव बना दिया है, जहां उनकी किताबें, रिकार्डिंग्स आदि शोधार्थियों को उपलब्ध हैं। हेमांगिनी और उनके भतीजे अंजुम राजाबली ने मिलकर एक ट्रस्ट बना दिया है जो एक वार्षिक व्याख्यान का आयोजन करता है। <br /><br />ऐसे काम हिंदी में कब होने लगेंगे? <br /><br />आनंद में शिवकुमार मिश्र की पुस्तकें भी किसी ठोस योजना का इंतजार कर रही हैं। हरियश राय, नरेश चंद्रकर, मुरली बाबू चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं। Anup sethihttps://www.blogger.com/profile/13784545311653629571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-60218418268033423522015-10-08T08:08:02.411+05:302015-10-08T08:08:02.411+05:30आहा बहुत कुछ समझा दिया आपने आदरणीय आपका दर्द समझ म...आहा बहुत कुछ समझा दिया आपने आदरणीय आपका दर्द समझ में आता है । सबसे बड़ा मोड़ कुर्सी बदलवाने वालों के हाथ में पीठ की चाबी चले जाना । राम सिंह लक्ष्मीदत्त जैसे लोग भरे पड़े हैं कुछ सामने से कुछ पर्दे के पीछे । फिर भी आपका योगदान समय याद रखेगा ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-43547199309762434402015-10-07T22:16:58.326+05:302015-10-07T22:16:58.326+05:30आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन और प्...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2015/10/Blog-Bulletin-and-inspirational-story-real-money.html" rel="nofollow">ब्लॉग बुलेटिन और प्रेरणादायक कहानी - असली धन</a> में शामिल किया गया है। <b>कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।। </b>HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-29529148685715938362015-10-07T19:26:06.625+05:302015-10-07T19:26:06.625+05:30विरले होते हैं आप जैसे लोग.. आपका यह उल्लेखनीय उपल...विरले होते हैं आप जैसे लोग.. आपका यह उल्लेखनीय उपलब्धि सदैव याद रखी जावेगी कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-57804344299637277082015-10-07T19:20:39.677+05:302015-10-07T19:20:39.677+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 08 - 10 - 2015 को चर्चा ...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 08 - 10 - 2015 को चर्चा मंच पर <br /><a href="http://charchamanch.blogspot.com/2015/10/2123.html" rel="nofollow"> <br />चर्चा - 2123 </a> में दिया जाएगा <br />धन्यवाद दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-77987026874265439192015-10-07T17:17:16.629+05:302015-10-07T17:17:16.629+05:30अफ़सोस। मैं यहाँ जा चूका हु। यह ऐसे ही सबके लिए प्र...अफ़सोस। मैं यहाँ जा चूका हु। यह ऐसे ही सबके लिए प्रेरणा श्रोत रहे,यही इच्छा हैAnil Jaiswalnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-45161945026230294822015-10-07T17:02:54.144+05:302015-10-07T17:02:54.144+05:30आपका योगदान सराहनीय है सर आपका योगदान सराहनीय है सर Gopu Bishthttps://www.blogger.com/profile/16346382469521523649noreply@blogger.com