tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post4954178585034072361..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : सहजि सहजि गुन रमैं : पंकज पराशरarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-27580915723341486952015-04-26T07:01:00.589+05:302015-04-26T07:01:00.589+05:30हां वो फीनिक्स ही है । अकसर लगता है वो अब मरा अब म...हां वो फीनिक्स ही है । अकसर लगता है वो अब मरा अब मरा । अब गया काम से । अब तो बच ही नहीं सकता । लेकिन वह अनी ही मृत्यु से ऊर्जस्वित हो कर उठता है । दुनिया जहान को हैरान करता है । कवि को जिन्दा करने वाली कविता । अजेयnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-53817387798234447442015-04-26T06:58:45.137+05:302015-04-26T06:58:45.137+05:30विरोध तो कोई भी कर सकता है.कविता भी करती रही. परन्...विरोध तो कोई भी कर सकता है.कविता भी करती रही. परन्तु क्या करना है,उसे कोई बताता भीनहीं और करके दिखाता भी नहीं.मानवता का दुर्भाग्य भी यहीRajanikant Shrivastavanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-15853595357123354942015-04-26T06:57:09.064+05:302015-04-26T06:57:09.064+05:30हर युग मे हमारी चेतना का अंश बनकर सत्ता के विरुद्ध...हर युग मे हमारी चेतना का अंश बनकर सत्ता के विरुद्ध खड़ा होता है लहरों के विरुद्धJobansingh Dhattnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-26966143434326427062015-04-26T06:56:06.332+05:302015-04-26T06:56:06.332+05:30 सचमुच ...चंदबरदाई हमेशा होते हैं.. सचमुच ...चंदबरदाई हमेशा होते हैं..kavitanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-71883662674852863062015-04-25T10:29:58.050+05:302015-04-25T10:29:58.050+05:30बहुत प्रभावी कविताएँ बहुत प्रभावी कविताएँ Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.com