tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post4283861598240003618..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : सबद - भेद : विज्ञापन में स्त्रियाँ : राकेश बाजियाarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-24656174088142024222015-04-28T12:26:08.553+05:302015-04-28T12:26:08.553+05:30सच में लेख पढ़ने के बाद लगा कि विज्ञापन का असर हमार...सच में लेख पढ़ने के बाद लगा कि विज्ञापन का असर हमारे जीवन में कितनी गहराई पहुंच चुका है .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-68376775330546413092015-04-28T10:30:47.058+05:302015-04-28T10:30:47.058+05:30उम्दा और समसामयिक जानकारी से ओतप्रोत शोधकर्ता के स...उम्दा और समसामयिक जानकारी से ओतप्रोत शोधकर्ता के साथ अरूण जी को बधाई।<br />DrMamta Pathak Sharmanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-12288913591068139142015-04-27T20:45:15.162+05:302015-04-27T20:45:15.162+05:30विज्ञापन के इतिहास और वर्तमान की उम्दा पड़ताल है इ...विज्ञापन के इतिहास और वर्तमान की उम्दा पड़ताल है इस शोधालेख में ।लेखक को बधाई ।शुक्रिया अरुण भाई और समालोचन ।Mani Mohanhttps://www.blogger.com/profile/05585006963517113769noreply@blogger.com