tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post4088416927617007575..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : मैं कहता आँखिन देखी : अरुण कमलarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-59551033415250410012012-01-08T23:43:45.152+05:302012-01-08T23:43:45.152+05:30अच्छी प्रस्तुति के लिए अरुण जी को बधाई .....अच्छी प्रस्तुति के लिए अरुण जी को बधाई .....नारायण लक्ष्मीhttps://www.blogger.com/profile/13323235048548922904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-49422597820192376512011-03-10T15:52:57.961+05:302011-03-10T15:52:57.961+05:30जब मैं पटना विश्वविद्यालय छोड़कर सरकारी सेवा में जा...जब मैं पटना विश्वविद्यालय छोड़कर सरकारी सेवा में जा रहा था, तो अरुण कमल जी ने मेरे लिए जो शब्द कहे थे वो आज भी मुझे किसी दुविधा में विचलित होने से और मेरे सरोकार को पथ-भ्रष्ट होने से बचाते हैं ! एक बहुत हीं लम्बे अन्तराल के बाद उनका interview पढ़कर और उन्हें पहले से भी ज्यादा विचार और संवेदना के धरातल पर आकर्षक देख कर अच्छी अनुभूति हुई |Sunil Kumar Singhhttps://www.blogger.com/profile/12990033888366142394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-51804709930596761112011-01-25T10:01:05.868+05:302011-01-25T10:01:05.868+05:30Achchi baatcheet hai! Compact & impressive!!Achchi baatcheet hai! Compact & impressive!!Niranjan Shrotriyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-4832576844659589542011-01-24T12:01:42.994+05:302011-01-24T12:01:42.994+05:30समालोचन से आम पाठक लाभान्वित हो रहा है . निवेदिता ...समालोचन से आम पाठक लाभान्वित हो रहा है . निवेदिता जी का ये साक्षात्कार कवि से रूबरू कराता है .. कवि मन काव्य के रेशे-रेशे से बुना होता है : अरुण जी को पढ़कर ये विश्वास और गहरा हुआ.अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-16970262698261794102011-01-23T23:14:24.000+05:302011-01-23T23:14:24.000+05:30ढर्रे से अलग के प्रशन हैं, उत्तरों से कवि की संवेद...ढर्रे से अलग के प्रशन हैं, उत्तरों से कवि की संवेदनशीलता, सामाजिक सरोकारों के साथ-साथ उसके विशद् अध्ययन का भी पता चलता है (जो अब तक केवल उसकी कविताअों से पता चलता था।) प्रश्नोत्तरकर्ताओं (शायद एक नया शब्द गढ़ रहा हूँ) को बहुत बहुत बधाई!<br /><br />अरूणदेव जी, समालोचन में इतनी महत्वपूर्ण चीज़ों के प्रकाशन के लिये बहुत बहुत बधाई! किंतु कभी-कभी वर्तनी की भूलें बहुत खटकती हैं। मुझे लगता है, प्रूफ़ रीडिंग के साथ-साथ इसके लिये font भी उत्तरदायी है। जैसे, मैंने अपनी पहली पंक्ति में "प्रश्न" लिखने का बहुत प्रयास किया, परंतु वह हर बार "प्रशन" हो जा रहा है। इस दिशा में सुधार की आशा है। <br /><br />सईद अय्यूबSayeed Ayubhttp://gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-71571466256633021562011-01-23T14:46:11.794+05:302011-01-23T14:46:11.794+05:30बहुत सहज तैयारी के साथ की गयी है बातचीत, कवि अरुणक...बहुत सहज तैयारी के साथ की गयी है बातचीत, कवि अरुणकमल की साफगोई और इंटरव्यूर निवेदिता की संवेदनशीलता ने समां बांध दिया। समालोचन बहुत अच्छा चल रहा है, अरुण, बधाई....<br />Purushottam AgrawalAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-38968786852697530042011-01-23T12:17:00.607+05:302011-01-23T12:17:00.607+05:30बहुत दिनों बाद अरुण जी को पढ़ा, पढ़ कर मज़ा आ गया।...बहुत दिनों बाद अरुण जी को पढ़ा, पढ़ कर मज़ा आ गया। इसके लिए निवेदिता दी और अरुण जी का बहुत बहुत आभार।Farid Khanhttps://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-69981245218323360832011-01-22T22:20:29.162+05:302011-01-22T22:20:29.162+05:30bahut achchee baatcheet .....dhanywaadbahut achchee baatcheet .....dhanywaadवंदना शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/16964614850887573213noreply@blogger.com