tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post2217989506458954237..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : मंगलाचार : संदीप तिवारीarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-29501710253093043202016-05-15T18:01:25.199+05:302016-05-15T18:01:25.199+05:30आप सब का बहुत बहुत आभार। आपका प्रोत्साहन हमारे लिख...आप सब का बहुत बहुत आभार। आपका प्रोत्साहन हमारे लिखने का प्रेरणास्रोत है। आपकी प्रतिक्रिया पढ़ता हूँ तो लगता है लिखना सार्थक हुआ। <br />पसिंजरनामा पांच भागों में लिखी गयी है, यदि आप लोगों को अच्छी लग रही है तो मैं संपादक महोदय से कविता का अगला भाग प्रकाशित करने का आग्रह करूंगा ...........Sandeep kumar tiwarihttps://www.blogger.com/profile/16416050937667294650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-64145532843815032002016-05-15T17:12:50.299+05:302016-05-15T17:12:50.299+05:30संदीप जी आप वास्तव में एक मर्मस्पर्शी कवि हैं.भावन...संदीप जी आप वास्तव में एक मर्मस्पर्शी कवि हैं.भावनाओं को समझते हैं.पैसिंजरनामा,समय का मारा,मांगना आसान नहीं सभी में कविता की गुणवत्ता काबिले तारीफ़ है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11643255052710207151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-9199206686650949292016-05-15T09:54:32.273+05:302016-05-15T09:54:32.273+05:30पसिंजरनामा पसिंजरों की अपनी भाषा बोलती है. कविताओं...पसिंजरनामा पसिंजरों की अपनी भाषा बोलती है. कविताओं का प्रवाह एक नैसर्गिक सुख देता है ऐसा जैसे वही पहुँच गये हैं जहाँ की बात हो रही है. दीपावली वाली कविता भी बेहतरीन है.संदीप को बधाई. <br />बिजय बिस्वाल के चित्र एक जादू बिखेरते हैं, उन्हें देखकर गाडी में बैठकर दुनिया घूमने का मन हो आता है. परमेश्वर फुंकवालhttps://www.blogger.com/profile/18058899414187559582noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-31717454068331448122016-05-15T08:13:24.808+05:302016-05-15T08:13:24.808+05:30सहज संगति,अंतरानुभूति की चमक खूब है।
अच्छी कविताएँ...सहज संगति,अंतरानुभूति की चमक खूब है।<br />अच्छी कविताएँ।<br />बहुत बधाई।Saloni sharmahttps://www.blogger.com/profile/01298425880007698617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-30334893087440009992016-05-15T07:11:38.523+05:302016-05-15T07:11:38.523+05:30लोक धुन लोक राग
आनंदम्। लोक धुन लोक राग<br />आनंदम्। अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.com