tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post1607283094424523817..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : परख : गायब होता देश (रणेन्द्र) : अनुज लुगुनarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-36433416666987446612020-10-18T19:09:26.247+05:302020-10-18T19:09:26.247+05:30सादर प्रणाम बड़े भैया। आपकी 'गायब होता देश &#...सादर प्रणाम बड़े भैया। आपकी 'गायब होता देश ' पुस्तक पर की गयी समीक्षा प्रासंगिक व जबरदस्त है । आपकी समीक्षा ने आदिवासी के प्रति गैर आदिवासी समाज के मिथ्या को तोड़ा है । हमें गर्व है कि आप हमारे सीनियर हैं । तथास्तुhttps://www.blogger.com/profile/03375881595227358595noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-25644427619906231202014-06-22T06:00:04.787+05:302014-06-22T06:00:04.787+05:30आदिवासी जीवन को मैंने बहुत पास से देखा है ... पर स...आदिवासी जीवन को मैंने बहुत पास से देखा है ... पर स्मृतियों में रचा बसा ... और गायब होता देश की समीक्षा से उसके कई पहलू उभर आयें है ... साम्राज्यवादी ताकतें और पूंजीवाद का काला जादू विकास के नाम के कांटें में फंसा एक पूरे के पूरे समाज और समुदाय को घास की तरह चर और सफाचट कर रही है .... मुंडा आदिविसियों पर लिखे इस उपन्यास के बहाने लेखक इसकी ऐतिहासिकता और संस्कृति पर भी शोधपरक तथ्य देता है और मेगालिथ की तुलना करते हुए मिश्र के पिरामिड और इंका अज्टेक की सभ्यताओं की समानताओं पर प्रकाश डालता है.... अनुज जी की समीक्षा पुस्तक को पढने की उत्कंठा जगा रही... रणेंद्र जी को शुभकामना ... आदरणीय अरुण जी को सादर धन्यवाद डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-60453410268214349652014-06-18T12:01:54.363+05:302014-06-18T12:01:54.363+05:30उपन्यास पर केंद्रित समीक्षा द्वारा मुंडा आदिवासियो...उपन्यास पर केंद्रित समीक्षा द्वारा मुंडा आदिवासियों के जीवन व जीवन में व्याप्त समस्याओं के सम्बन्ध में जाना. सुनीताhttps://www.blogger.com/profile/17628475127497676694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-42166446828373304702014-06-15T15:57:11.614+05:302014-06-15T15:57:11.614+05:30किताब यहां से खरीदी जा सकती है.
http://www.amazon...किताब यहां से खरीदी जा सकती है.<br /><br />http://www.amazon.in/Gayab-Hota-Desh-Ranendra/dp/0143420690/ref=sr_1_1?s=books&ie=UTF8&qid=1402827832&sr=1-1&keywords=gayab+hota+deshगायब होता देशhttps://www.facebook.com/Gayabhotadesh?ref=hlnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-22740349288112910222014-06-14T11:29:17.331+05:302014-06-14T11:29:17.331+05:30मैगालिथ संरचनाओं का वैभव मिस्र, एज़्टेक, इंका की स...मैगालिथ संरचनाओं का वैभव मिस्र, एज़्टेक, इंका की सभ्यताओं में सुरक्षित रहा, संग्रहालय की तरह। वह उनका इतिहास तो रहा लेकिन स्मृति की परम्परा से वह छिटक गया किन्तु हिन्दुस्तान में आज भी दक्षिण भारत से लेकर सुदूर उत्तर पूरब में यह परम्परा का हिस्सा है। अट्टापाड़ी के कुरुंब इसे अभी भी बचाए हुए हैं। अनुज आपकी समीक्षा पुस्तक तक ले जा रही है। दूर से दीखते भारत की इस छटा को जरूर देखना चाहूंगी। <br />चमत्कृत होकर मैं इस लोकेल को देखना नहीं चाहती-पश्य के साथ अवबोध भी रहे। <br />अपर्णा मनोजhttps://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.com