tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post1342541747924823859..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : कथा - गाथा : आवाज़ की दरारें : ममता सिंहarun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-38601918745567910062018-06-13T00:42:55.730+05:302018-06-13T00:42:55.730+05:30बहुत अच्छी कहानी प्रेम में पगी हुई और हौले -हौले आ...बहुत अच्छी कहानी प्रेम में पगी हुई और हौले -हौले आगे बढती हुई, जिसमें गीत -संगीत है, नृत्य है और धडकता हुआ जीवन भी. इधर जब समाज से प्रेम और आत्मीयता जैसे भाव खत्म होते जा रहे हैं, मुझे लगता है इन्हें कविता -कहानियों में कहना उतना ही ज़रुरी होता जा रहा है. इस कहानी में स्त्री विमर्श को जिस तरह प्रतिष्ठित किया गया है और कहानी के अंत में वह नायक का नंबर ही ब्लाक कर देती है, स्त्री स्वात्यन्त्र को एक नए रूपक में गढती है. यहाँ कथा लेखिका ने उसे अनायास आकाश की उंचाइयों पर खड़ा किया है. यह एक बिम्ब भी है और हमारे आज के समय का सच भी. पितृसत्तात्मक समाज के दकियानूसी घेरों को तोडती यह कहानी हमारे आज के समय और समाज में स्त्री की बदलती छवि को बहुत सहज और सुंदर तरीके से सामने लाती है. कथ्य, भाषा और कहन के अंदाज़ में बढिया कहानी...ममता सिंह जी को बधाई Manish Vaidyahttps://www.blogger.com/profile/02497437665436313380noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-26295220681820646462017-07-01T19:24:15.678+05:302017-07-01T19:24:15.678+05:30कहानी का कथ्य और शिल्प बहुत बेजोड़ है| भाषा का प्रव...कहानी का कथ्य और शिल्प बहुत बेजोड़ है| भाषा का प्रवाह तो लाजवाब ! प्रसंगानुकूल गीतों का प्रयोग प्रक्षेपित नहीं जान पड़ता | कहानी में स्त्री चेतना का स्वर जितना मद्धम, दबा हुआ है, उसका उद्गार उतना ही विस्फोटक है | कहानी में स्त्री चेतना का स्वर 'ठेकेदार विमर्शकारों' से बिल्कुल भिन्न और मारक | सनोबर तथा शारव का आपसी टकराव,अंतर्द्वंद्व कहानी में जहाँ एक तरफ यथार्थ के धरातल पर ट्विस्ट लाता है वहीँ शारव का सनोबर के प्रति नजरिया पुरुष प्रधान समाज के 'द्विचित्तापन' को ही उघाड़ता है |इस दृष्टि से 'आवाज़ की दरारें' एक महत्त्वपूर्ण कहानी है | हार्दिक बधाई ममता सिंह जी | युनुस भाई का विशेष शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने ट्विटर पर कहानी का लिंक साझा किया | समालोचन को धन्यवाद |बृजेश कुमार यादव जे . एन.यू.नई दिल्ली .लोकचिंताhttps://www.blogger.com/profile/17324751211948526796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-46437035651545502522017-06-09T17:06:58.450+05:302017-06-09T17:06:58.450+05:30बहुत ही खूबसूरत बुनावट के साथ कसी हुई कहानी। सहजता...बहुत ही खूबसूरत बुनावट के साथ कसी हुई कहानी। सहजता से आगे बढ़ती हुई। अंत में सनोबर द्वारा शारव का नंबर ब्लाक करना जाहिर करता है कि अब स्त्री प्रेम में छली नहीं जा सकती।<br />ममता जी को बधाई और समालोचन का आभारडॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-16942765025098994392017-06-08T19:35:18.266+05:302017-06-08T19:35:18.266+05:30ममता दीदी ....बहुत आभार आपका ....आपकी इस टिप्पणी न...ममता दीदी ....बहुत आभार आपका ....आपकी इस टिप्पणी ने मेरा हौसला बढ़ाया है ....radiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-45084499153558304372017-06-08T19:22:53.413+05:302017-06-08T19:22:53.413+05:30बहुत अच्छी कहानी, एक एक शब्द पढ़ती और सुनती रही।बहुत अच्छी कहानी, एक एक शब्द पढ़ती और सुनती रही।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08167039393189073641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-36500198268196386952017-06-08T18:18:15.361+05:302017-06-08T18:18:15.361+05:30 कहानी में प्रेम,पीड़ा, और तड़प को कविता और संगीत के... कहानी में प्रेम,पीड़ा, और तड़प को कविता और संगीत के पुट के साथ व्यक्त किया है।बहुत दिनों बाद एक अच्छी प्रेमकहानी पढ़ी ।Mamta Kalianoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-26893517248317163672017-06-08T17:22:35.610+05:302017-06-08T17:22:35.610+05:30बहुत शुक्रिया !
...."बहुत शुक्रिया" के ल...बहुत शुक्रिया !<br />...."बहुत शुक्रिया" के लिए !!"डाक साब"noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-8350033015453602352017-06-08T14:33:26.601+05:302017-06-08T14:33:26.601+05:30सरूल जी ....बहुत शुक्रिया ।
आपने कहानी पढ़ी और राय ...सरूल जी ....बहुत शुक्रिया ।<br />आपने कहानी पढ़ी और राय दीradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-48342460827072261692017-06-08T14:32:02.556+05:302017-06-08T14:32:02.556+05:30शोभा जी धन्यवादशोभा जी धन्यवादradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-41815850536465155732017-06-08T14:31:32.135+05:302017-06-08T14:31:32.135+05:30रूपा जी आपका बहुत बहुत शुक्रियारूपा जी आपका बहुत बहुत शुक्रियाradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-45616425447631020122017-06-08T14:30:45.405+05:302017-06-08T14:30:45.405+05:30मंजुला जी आपको बहुत धन्यवादमंजुला जी आपको बहुत धन्यवादradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-65345604708759416102017-06-08T14:00:34.321+05:302017-06-08T14:00:34.321+05:30राकेश जी आपने कहानी पढ़ी और विशद विवेचनात्मक टिप्पण...राकेश जी आपने कहानी पढ़ी और विशद विवेचनात्मक टिप्पणी की .....आपका बहुत बहुत शुक्रियाradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-63208059634337457902017-06-08T13:56:27.463+05:302017-06-08T13:56:27.463+05:30आपने पढ़ी कहानी ...इतनी विशद विवेचना की ....आपका बह...आपने पढ़ी कहानी ...इतनी विशद विवेचना की ....आपका बहुत बहुत शुक्रियाradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-66015139580216119182017-06-08T13:55:06.774+05:302017-06-08T13:55:06.774+05:30सरूल जी ....बहुत शुक्रिया ।
आपने कहानी पढ़ी और राय ...सरूल जी ....बहुत शुक्रिया ।<br />आपने कहानी पढ़ी और राय दीradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-47301408339543254942017-06-08T13:53:20.087+05:302017-06-08T13:53:20.087+05:30धन्यवाद ...वंदना जीधन्यवाद ...वंदना जीradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-18311887770647513982017-06-08T13:52:02.714+05:302017-06-08T13:52:02.714+05:30मनीषा जी आपकी टिप्पणी और ज़्यादा लिखने को प्रेरित क...मनीषा जी आपकी टिप्पणी और ज़्यादा लिखने को प्रेरित करती है ....बहुत शुक्रियाradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-75789861287966646292017-06-08T13:49:11.796+05:302017-06-08T13:49:11.796+05:30गीता जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकागीता जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकाradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-72170086967249210212017-06-08T13:47:24.743+05:302017-06-08T13:47:24.743+05:30बहुत शुक्रियाबहुत शुक्रियाradiosakhihttps://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-41957211218786715792017-06-08T06:15:01.636+05:302017-06-08T06:15:01.636+05:30 Waah..bahut hi behtareen, marmik kahani...shukriy... Waah..bahut hi behtareen, marmik kahani...shukriya...Shobha Raturinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-48954640066831288252017-06-08T06:14:12.320+05:302017-06-08T06:14:12.320+05:30 स्त्री की आदिम कहानी ..इश्क़ में तबाह होना ।लेकिन... स्त्री की आदिम कहानी ..इश्क़ में तबाह होना ।लेकिन यह नयी स्त्री की कहानी जो तबाह होने से इंकार का साहस करती है। नैसर्गिक कोमलता को निर्णय के अधिकार से विमर्श के धरातल पर पहुँचाने वाली सशक्त कहानी ! बधाई मेरी प्रिय ममता सिंह जी !Rupa Singhnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-68804314216780401152017-06-08T06:13:37.667+05:302017-06-08T06:13:37.667+05:30 रेडियो सखी की कहानी उनके ही अंदाज़ में बहुत अच्छी ... रेडियो सखी की कहानी उनके ही अंदाज़ में बहुत अच्छी लगी,, कहानी क्या कहे,,मानव मन की ग्रन्थियों की बयानगी है,जो हर किसी के अन्तस् को छूती है।<br />Arun जी, इस भावप्रधान उद्गारों की माला को हमारे सामने लाने के लिये शुक्रिया।Manjula Bistnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-18144771528697563482017-06-07T20:15:35.929+05:302017-06-07T20:15:35.929+05:30 एक सम्वेदनशील और भावप्रवण कहानी। प्रेम का कोई निश... एक सम्वेदनशील और भावप्रवण कहानी। प्रेम का कोई निश्चित व्याकरण भले नहीं होता हो पर कुछ रसायन ऐसे तो होते ही हैं, जिनकी छुअन भर से ही प्रेम का अहसास हमें अपनी गिरफ्त में ले लेता है। सनोबर और शारव की यह प्रेम कहानी अपनी प्रवाहमान भाषा और स्पर्शी शिल्प के कारण हमारे आस्वादक को सहज ही साथ ले चलती है। यूं तो हर प्रेम कहानी कुछ ऐसी ही तो होती है और इस तरह की न जाने कितनी कहानियां लिखी भी गई हैं। लेकिन इस कहानी का अंत जिसमें सनोबर विमान में बैठने के बाद अपने फोन में शारव का नम्बर ब्लॉक करती है, इसे इस तरह की तमाम प्रेम कहानियों से अलग ला खड़ा करता है। प्रेम में समर्पण के बहाने स्त्रियां हमेशा से अपने अस्तित्त्व और अस्मिता की कुर्बानियां देती रही हैं। पर संवेदनशीलता और समर्पण के नाम पर सनोबर को अपनी अस्मिता से समझौता मंजूर नहीं। यही वह भूमंडलोत्तर विशेषता है जो इस कहानी को न सिर्फ पुरानी होने से बचा लेती है बल्कि प्रेम की पारम्परिक भावुकता के विरुद्ध स्त्री अस्मिता की स्थापना करती है। इस तरह यह कहानी अपने अंत तक आते आते प्रेम कहानी के दायरे को तोड़ते हुए स्त्री अस्मिता के राजनैतिक बोध की कहानी बन जाती है। एक अच्छी कहानी के लिए लेखिका को बधाई और समालोचन का आभार!Rakesh Biharinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-56508255192860586062017-06-07T17:30:23.663+05:302017-06-07T17:30:23.663+05:30बहुत आसान और स्वाभाविक तरीके से जिन्दगी और नये कल्...बहुत आसान और स्वाभाविक तरीके से जिन्दगी और नये कल्चर की परतें खोलती कहानी ...बहुत दिन बाद इतना नेचुरल टेस्ट मिला कहानी का.....धन्यवाद Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02681960333004361900noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-41883060074091335702017-06-07T16:54:05.345+05:302017-06-07T16:54:05.345+05:30स्त्री जान गयी अपने आकाश को और भर ली उड़ान .......ऐ...स्त्री जान गयी अपने आकाश को और भर ली उड़ान .......ऐसी ही जरूरत है आज vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-18740700170649108562017-06-07T16:02:34.948+05:302017-06-07T16:02:34.948+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (08...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (08-06-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"><br />"सच के साथ परेशानी है" (चर्चा अंक-2642)<br /> </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com