tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post1282280866793197537..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : मति का धीर : कावालम नारायण पणिक्कर arun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-67456140561607843482016-06-29T08:04:36.144+05:302016-06-29T08:04:36.144+05:30वर्षों पहले उरुभंग पढ़कर दुर्योधन के प्रति नए दृष्ट...वर्षों पहले उरुभंग पढ़कर दुर्योधन के प्रति नए दृष्टिकोण ने चमत्कृत किया और साथ ही भास की व्याख्या और पाठ ने भी।Pragya Rohininoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-92165378997140905312016-06-29T07:52:56.230+05:302016-06-29T07:52:56.230+05:30ज्योतिष जोशी का कलाओं पर लेखन मैं पत्र -पत्रिका...ज्योतिष जोशी का कलाओं पर लेखन मैं पत्र -पत्रिकाओं में पढ़ता रहता हूँ. समय से पनिक्कर पर इस लेख के लिए साधुवाद.रमा प्रतापnoreply@blogger.com