tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post116750009223497078..comments2024-03-18T14:45:15.993+05:30Comments on समालोचन : मंगलाचार : सोनिया गौड़ (कविताएँ)arun dev http://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-89205532098134909842017-05-13T15:56:22.150+05:302017-05-13T15:56:22.150+05:30Shukriya didi main kabhi bhool nahi sakti ki aapne...Shukriya didi main kabhi bhool nahi sakti ki aapne hi mujhe sabse pehle sahitya se sahi parichaya karwaya. Aaj main sahi disha me hun sirf aur sirf aapke karanSoniya Gaurhttps://www.blogger.com/profile/07799306494755721452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-18598327507400969772017-05-07T18:15:22.766+05:302017-05-07T18:15:22.766+05:30जहाँ साधारण सोच विराम लेती है, वहाँ से आगे ऐसी अनु...जहाँ साधारण सोच विराम लेती है, वहाँ से आगे ऐसी अनुभूतियाँ निकलती हैं रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-79137217586267197582017-05-07T16:14:32.062+05:302017-05-07T16:14:32.062+05:30समालोचन पर सोनिया गौड़ की कविताओं का प्रकाशन सुखद ह...समालोचन पर सोनिया गौड़ की कविताओं का प्रकाशन सुखद है। सोनिया की कविताएं चाहें वह प्रेम की हों या स्त्री जीवन के संघर्ष की, चाहे वह जीवन व्यवहार के पेचोखम को लेकर हों या सामाजिक विसंगतियों के बीच रिसती मनुष्यता की, उनमें स्फूर्त बिम्बों और अर्थ ध्वनियों का विस्तार प्रभावित करता है। इन कविताओं में हम एक ऐसी कवयित्री के सामने होते हैं जो कविता में नये अनुभवों,भावों और सर्वथा नयी अर्थ संभावनाओं में हमें ले जाती है। सोनिया को बहुत बहुत बधाई और शुभकानाएं। अरुण देव को विशेष बधाई कि उन्होंने ऐसी संभावनाशील कवयित्री से हिंदी जगत का परिचय कराया। अरुण यदि अपनी टिप्पणी में थोड़ा विस्तार दिए होते तो और भी बेहतर होता। बहरहाल जो है वह भी श्रेयस्कर और प्रशंसनीय है।ज्योतिष जोशीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-73631542861156237582017-05-06T19:04:25.713+05:302017-05-06T19:04:25.713+05:30 ओह, यह तस्वीर... अद्भुत है यह! ओह, यह तस्वीर... अद्भुत है यह!Shyam Anand Jhanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-21851654060529657982017-05-06T15:56:11.903+05:302017-05-06T15:56:11.903+05:30सुन्दर कविताएँ सुन्दर कविताएँ Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-75550280408845358862017-05-06T15:50:24.381+05:302017-05-06T15:50:24.381+05:30आपकी कविताओं को जो कि हमेशा से ही बहुत गहरी रही है...आपकी कविताओं को जो कि हमेशा से ही बहुत गहरी रही हैं<br />अच्छी पत्रिकाओं द्वारा पहचान और सम्मान मिल रहा है ,मुझे बहुत ख़ुशी है, आज के समय में निष्पक्ष रूप से सम्मानित किया जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है,<br />आपकी योग्यता और गहराई को पहचान मिली ,लोगों ने समझा और पहचान कर चिन्हित किया <br />मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं, आप कामयाबी पाएं और आपकी और उन्नति हो ऐसी आशा करता हूँ।Manish Kumar Katarenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-90638759574567434332017-05-06T15:47:25.356+05:302017-05-06T15:47:25.356+05:30 आपने अपनी टिप्पणी में कला से लगाव की जिस शुरुआत औ... आपने अपनी टिप्पणी में कला से लगाव की जिस शुरुआत और उसके विकास के बीज की बात कही है, इन कविताओं के संदर्भ में उचित जान पड़ती है। इन कविताओं में जो संभावनाएं छुपी हैं, उसके संधान के लिए Soniya जी को भविष्य में चौंकाउ से ज्यादा स्पर्शी विम्बों की रचना करनी होगी। यह भी मैं इन कविताओं के आधार पर ही कह पा रहा हूँ। विकास की संभावनाओं से युक्त इन कविताओं के लिए आपको और सोनिया जी दोनों को बधाई!Rakesh Biharinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-15032627848178766782017-05-06T15:46:35.180+05:302017-05-06T15:46:35.180+05:30 बहुत अच्छी कविताएं ।संभावनाशील और संवेदनशील।सोनिय... बहुत अच्छी कविताएं ।संभावनाशील और संवेदनशील।सोनिया जी को बधाईयांParitosh Maninoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1027279009513442421.post-33556766349073968152017-05-06T11:28:49.823+05:302017-05-06T11:28:49.823+05:30बहुत ही गहन संवेदना की कविताएँ हैं सोनिया की। सोनि...बहुत ही गहन संवेदना की कविताएँ हैं सोनिया की। सोनिया ने की ये कविताएँ हमें झकझोर कर रख देती हैं। 'रात का जहाज टूटता है, देह की नदी से टकराकर<br />क्षितिज गलने लगते हैं,...' सोनिया की ये कविताएँ कटु यथार्थ को बहुत ही तरल शिल्प में है। उसकी काव्य-भाषा हिन्दी कविता में एक नया संधान है। बहुत बधाई सोनिया। Vaicharik Kalamkaarhttps://www.blogger.com/profile/08327535911389475673noreply@blogger.com